
स्थान: बिहार
तारीख: हाल की एक सनसनीखेज घटना ने पूरे बिहार में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए, जब पांच हथियारबंद शूटरों ने राजधानी स्थित एक निजी अस्पताल में घुसकर गैंगस्टर चंदन मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी।
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喝 हत्या का तरीका: दिनदहाड़े अस्पताल में एंट्री, ICU में गोलियां
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पांच हमलावर अस्पताल की सुरक्षा को धता बताते हुए सीधे ICU तक पहुंच गए, जहां चंदन मिश्रा इलाज के नाम पर 15 दिन की पैरोल पर भर्ती था।
30 सेकंड के भीतर उन्होंने उसे कई गोलियां मारीं और फरार हो गए।
यह पूरी घटना CCTV फुटेज में रिकॉर्ड हुई है, जिसमें हमलावरों की चाल, आत्मविश्वास और बेखौफ अंदाज़ साफ दिखाई देता है।
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गैंगवार की पुरानी रंजिश
चंदन मिश्रा पहले शेरू सिंह गैंग का हिस्सा रह चुका था, लेकिन वर्चस्व की लड़ाई ने उन्हें दुश्मन बना दिया।
पिछले कुछ वर्षों में दोनों गुटों के बीच कई हिंसक झड़पें, फायरिंग और हत्या की घटनाएं हो चुकी थीं।
पुलिस का मानना है कि यह हत्या रिवेंज किलिंग है — एक साज़िश के तहत शेरू गैंग द्वारा रची गई योजना का हिस्सा।
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सुपारी किलिंग का एंगल
जानकारी के अनुसार, चंदन मिश्रा पर ₹50,000 का इनाम घोषित था।
पुलिस को शक है कि शेरू गैंग ने उसकी हत्या के लिए पेशेवर शूटरों को सुपारी दी थी।
हमलावरों की प्रोफेशनल गतिविधियों और भागने के तरीके से यह संदेह और गहरा हो जाता है।
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रेकी और सटीक प्लानिंग
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि हमलावरों ने अस्पताल की रेकी पहले ही कर रखी थी।
उन्हें चंदन के वार्ड, समय और सिक्योरिटी से जुड़ी पूरी जानकारी थी।
न कोई हड़बड़ी, न कोई डर — जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह एक संगठित हत्या योजना थी।
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立 पुलिस की चुनौती और सवाल
इस सनसनीखेज हत्याकांड ने पुलिस और जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं:
पैरोल कैसे मिली?
अस्पताल की सुरक्षा कैसे नाकाम हुई?
क्या जेल प्रशासन को खतरे की जानकारी नहीं थी?
आखिर पुलिस पहले से अलर्ट क्यों नहीं थी?
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निष्कर्ष:
✅ यह हत्या गैंगवार की पुरानी दुश्मनी और शेरू गैंग की साजिश का नतीजा है।
✅ सुनियोजित सुपारी किलिंग के तहत पैरोल का फायदा उठाकर चंदन को टारगेट किया गया।
✅ बिहार की राजधानी में दिनदहाड़े अस्पताल में हुई यह वारदात, कानून-व्यवस्था पर एक गहरा तमाचा है।
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इस घटना ने यह साबित कर दिया कि बिहार में अब अपराधी सिर्फ सड़कों पर नहीं, अस्पतालों में भी गोलियां बरसाने से नहीं डरते।
️ रिपोर्ट: प्रबुद्ध भारत न्यूज़
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