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भारतमाला परियोजना से संबंधित मुआवजा भुगतान हेतु अंतिम प्रयास – डोर टू डोर जाकर रैयतों से संपर्क कर रहा है जिला प्रशासन

प्रेस विज्ञप्ति
जिला जनसम्पर्क कार्यालय, कैमूर (भभुआ)

कैमूर, 24 जुलाई 2025

भारत सरकार की महत्वाकांक्षी “भारतमाला परियोजना” अंतर्गत भूमि अधिग्रहण के पश्चात आर्बिट्रेटर न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के अनुसार जिन भूधारियों को मुआवजा दिया जाना है, किन्तु उन्होंने अब तक संबंधित दस्तावेजों के साथ आवेदन समर्पित नहीं किया है – उनके लिए जिला प्रशासन कैमूर द्वारा एक अंतिम प्रयास प्रारंभ किया गया है।

जिलाधिकारी श्री सुनील कुमार के निर्देश पर चांद, भगवानपुर और रामपुर अंचलों में अंचलाधिकारी एवं उनके अधीनस्थ राजस्व कर्मचारियों की टीम डोर-टू-डोर जाकर संबंधित भूधारियों से संपर्क कर रही है। यह प्रयास उन्हीं भूधारियों के लिए है जिनके पक्ष में आर्बिट्रेटर न्यायालय का आदेश आ चुका है, लेकिन वे अभी तक मुआवजा भुगतान हेतु आवेदन समर्पित नहीं कर पाए हैं।

जिलाधिकारी द्वारा की गई समीक्षा में यह पाया गया कि बड़ी संख्या में ऐसे रैयत हैं जिन्हें पहले दो बार नोटिस भेजे जा चुके हैं, फिर भी उन्होंने मुआवजा की प्रक्रिया पूर्ण नहीं की है। इसीलिए, अब सीधे उनके दरवाजे पर पहुंचकर कर्मचारियों द्वारा आवेदन समर्पण हेतु प्रेरित किया जा रहा है ताकि उन्हें भुगतान में किसी प्रकार की कठिनाई न हो।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि यह अंतिम अवसर है। यदि अब भी कोई रैयत आवेदन समर्पित नहीं करता है, तो उनकी मुआवजा की राशि सक्षम न्यायालय में जमा कर दी जाएगी। इसके बाद संबंधित भूधारियों को नियमानुसार न्यायालय की प्रक्रिया के माध्यम से ही मुआवजा प्राप्त करना होगा।

इस प्रक्रिया को सुगम बनाने हेतु संबंधित अंचलों में शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं, जहां पर रैयतों को एलपीसी (भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र) और वंशावली जैसे आवश्यक दस्तावेज भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। रामपुर, चांद एवं भगवानपुर में आयोजित इन शिविरों में बड़ी संख्या में भूधारियों ने भाग लिया और मौके पर ही कई ने आवेदन एवं दस्तावेज समर्पित किए।

जिला प्रशासन की यह सक्रिय पहल यह सुनिश्चित करने की दिशा में है कि कोई भी पात्र भूधारी मुआवजा से वंचित न रह जाए। साथ ही, यह भी स्मरण कराया गया है कि 3D नोटिफिकेशन के पश्चात अधिग्रहित भूमि पर किसी प्रकार की खेती अथवा अन्य गतिविधि करना कानूनन अपराध है, क्योंकि उस भूमि का स्वामित्व राज्य सरकार के अधीन हो जाता है।

जिला प्रशासन कैमूर

विशेष रिपोर्ट –  पंकज कुमार गुप्ता (बिहार हेड प्रबुद्ध भारत न्यूज़ नेटवर्क)

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