
त्रिकालदर्शी शिवपूजन बाबा की कृपा: नियति बदल देने वाला चमत्कार
माननीय विधायक श्री वीरेन्द्र यादव जी के श्रीमुख से गुरु पूर्णिमा पर उद्घाटित एक दिव्य अनुभूति

“जिसके रक्षक स्वयं शिव हों, उसका कोई विधि विघ्न क्या बिगाड़ सकता है?”
सनातन संस्कृति में गुरु पूर्णिमा का स्थान सर्वोच्च है। यही वह अवसर है जब साधक, श्रद्धालु, जनप्रतिनिधि हो या जनसाधारण — सभी अपने आराध्य, आचार्य और आत्मगुरु के श्रीचरणों में कृतज्ञता समर्पित करते हैं। इस परम पावन पर्व पर प्रबुद्ध भारत न्यूज़ नेटवर्क को एक दिव्य, चमत्कारी और शिव कृपा से परिवर्तित हुए नियति प्रसंग को माननीय विधायक श्री वीरेन्द्र यादव (विधानसभा – जंगीपुर, उत्तर प्रदेश 376) द्वारा प्रकाशित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
यह प्रसंग उनके पूज्य पिताश्री, स्वर्गीय श्री कैलाश यादव जी, उत्तर प्रदेश सरकार में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री (पंचायती राज विभाग) से जुड़ा है।

✨ श्रद्धा, संघर्ष और शिव कृपा का अद्वितीय समन्वय
श्री सरदार यादव जी, पिछड़े वर्ग से आने वाले एक समाजसेवी एवं बाबा शिवपूजन के अनन्य सेवक, जो वर्षों तक बाबा के साथ सेवाकार्य व वाहन चालक के रूप में जुड़े रहे, ग्रामसभा बिकापुर से ग्राम प्रधान पद हेतु चुनाव लड़ने की इच्छा रखते थे।
अपने चुनावी संकल्प की पूर्ति हेतु उन्होंने श्री शिवपूजन बाबा के श्रीचरणों में उपस्थित होकर आशीर्वाद माँगा। बाबा ने उन्हें निर्ध्वंद भाव से आशीर्वाद प्रदान किया और संकेत दिया कि वे ग्राम प्रधान अवश्य बनेंगे।
किन्तु नियति का पृष्ठ पलट गया। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी नवीन परिसीमन व आरक्षण सूची में बिकापुर ग्रामसभा को आरक्षित कर दिया गया, जिससे श्री सरदार यादव, पिछड़े वर्ग से होने के कारण, उस सीट के लिए अयोग्य हो गए।
️ कठोर प्रशासनिक सत्य और श्रद्धा की परीक्षा
श्री सरदार यादव, अपनी पीड़ा व श्रद्धा के साथ तत्कालीन मंत्री स्वर्गीय कैलाश यादव जी के पास पहुँचे। उन्होंने स्थिति स्पष्ट करते हुए अनुरोध किया।
मंत्री जी का उत्तर स्पष्ट, संयत और नीतिसम्मत था:
> “मैं किसी एक व्यक्ति के लिए व्यवस्था नहीं बदल सकता। शासन नियम से चलता है, इच्छा से नहीं। परंतु यदि प्रभु की इच्छा होगी, तो मार्ग अवश्य खुलेगा।”
यह संवाद जैसे संयम और समर्पण की परीक्षा थी। श्री सरदार यादव जी लौटे, पर इस बार बाबा शिवपूजन के श्रीचरणों में पूर्ण समर्पण के साथ।
रात्रि की लीला और विधि का विलोम
और फिर — रात्रि की नीरवता में वह अलौकिक घटना घटी।
शासन के प्रमुख सचिव ने रात्रि में ही माननीय मंत्री श्री कैलाश यादव जी को अवगत कराया कि संशोधित नियमावली के अनुसार कुछ ग्रामसभाओं का परिसीमन बदलना अनिवार्य हो गया है। उनमें बिकापुर ग्रामसभा भी सम्मिलित थी।
प्रभात होते ही नवीन संशोधित अधिसूचना जारी हुई — बिकापुर अब सामान्य श्रेणी के अंतर्गत आ गया था। इससे श्री सरदार यादव के लिए मार्ग प्रशस्त हो गया।
उन्होंने चुनाव लड़ा — और जनता ने उन्हें भारी मतों से ग्राम प्रधान निर्वाचित किया।
जब श्रद्धा अडिग हो, तो शासन की रेखाएँ स्वयं परिवर्तित हो जाती हैं
आज भी श्री सरदार यादव जी बाबा के चरणों में उसी भक्ति, विनम्रता और समर्पण के साथ जुड़े हुए हैं। वे मानते हैं:
> “मैंने बाबा को नहीं चुना — बाबा ने मुझे चुना है। उनकी कृपा से ही मैं ग्राम सेवा कर रहा हूँ।”
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क्या आपने भी बाबा शिवपूजन की कृपा का अनुभव किया है?
प्रबुद्ध भारत न्यूज़ नेटवर्क ने “शिवपूजन बाबा के चमत्कारी अनुभवों की शृंखला” प्रारंभ की है। यदि आपने बाबा के आशीर्वाद या चमत्कार का प्रत्यक्ष अनुभव किया है, तो कृपया:
अपना अनुभव, नाम, ग्राम/नगर एवं एक स्पष्ट फोटो सहित श्री राजेश चौबे (ट्रस्टी-सचिव) को +91 94507 18733 पर भेजें।
आपका अनुभव आगामी अंक में प्रकाशित किया जाएगा।
जय श्री शिवपूजन बाबा
—प्रस्तुति: प्रबुद्ध भारत न्यूज़ नेटवर्क
“जहाँ श्रद्धा है, वहाँ सत्य स्वयं प्रकट होता है।”