️ प्रबुद्ध भारत न्यूज़ नेटवर्क, गाज़ीपुर
“गाज़ीपुर, परसनी (प्रबुद्ध भारत संवाददाता)।
आज के समय में जब अनेक धार्मिक आयोजन दिखावे, स्वागत-सत्कार और आर्थिक चढ़ावे की होड़ में खो जाते हैं, वहीं एक ऐसा आध्यात्मिक आयोजन होने जा रहा है जो वास्तव में अपने नाम की तरह “दुर्लभ सत्संग” कहलाने योग्य है।
श्री ठाकुर जी प्रांगण, परसनी में 12 अक्टूबर से 18 अक्टूबर 2025 तक चलने वाले इस दिव्य सत्संग में प्रवचन करेंगे —
श्रद्धेय स्वामी श्री विजयानन्द गिरि जी महाराज (ऋषिकेश), जो अपने गूढ़ आध्यात्मिक ज्ञान, सादगी और निष्काम भक्ति के लिए विख्यात हैं।
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“संतों के चरण छूना, फोटो खींचना, माला पहनाना वर्जित”
आयोजक समिति द्वारा लगाए गए बोर्ड में स्पष्ट शब्दों में लिखा गया है कि
संतों के चरण छूना, फोटो खींचना व माला पहनाना वर्जित है।
श्रद्धापूर्वक भाग लेने के अतिरिक्त किसी प्रकार की भेंट या धन न चढ़ाएं।
जब आज के संत समाज में भी दिखावे और सम्मान की चाह आम हो गई है, तब इस तरह का सख्त अनुशासन और विनम्रता इस आयोजन को सच्चे अर्थों में ‘दुर्लभ’ बनाते हैं।
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कार्यक्रम विवरण
दिनांक: 12 अक्टूबर से 18 अक्टूबर 2025
शुभारंभ: 12 अक्टूबर (रविवार) प्रातः 9 बजे कलश एवं ध्वज यात्रा से
दैनिक संगीतमय सत्संग: दोपहर 2 बजे से सायं 6 बजे तक
भंडारा एवं प्रसाद वितरण: 18 अक्टूबर (शनिवार) — सायं संध्या तक
स्थान: श्री ठाकुर जी प्रांगण, ग्राम परसनी पोस्ट माहपुर , सैदपुर जनपद गाज़ीपुर)
संपर्क: 7310141415, 7310141416, 7992154379, 9918629477, 9005258304
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यह सत्संग क्यों सचमुच ‘दुर्लभ’ है?
यह आयोजन हमें याद दिलाता है कि —
भक्ति की असली पहचान श्रद्धा है, न कि प्रदर्शन।
यहां संत का सम्मान पैसे से नहीं, सुनने से होता है।
यहां कैमरे नहीं, मन की एकाग्रता बोलती है।
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“दुर्लभ सत्संग” वह स्थान है जहां आत्मा को शांति मिलती है, और भक्ति को उसका असली स्वरूप — बिना आडंबर, बिना चढ़ावा, केवल प्रेम और समर्पण के साथ।
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– प्रबुद्ध भारत न्यूज़ नेटवर्क, गाज़ीपुर
(धार्मिक संवाददाता : जुगनू पाण्डेय जी, आगापुर पदुमपुर जखनिया गाजीपुर)

