रिपोर्ट:शुभम शर्मा

राजातालाब/-अक्सर किसी न किसी आपराधिक घटना में थाने के हिस्ट्रीशीटरों की संलिप्तता सामने आ रही है। हाल की घटनाओं में उनकी संलिप्तता पर थानावार जानकारी मांगी गई तो पता चला कि 402 हिस्ट्रीशीटरों का कोई अता-पता ही नहीं है। इनके दर्ज पते पर पुलिस पहुंची तो ये नहीं मिले। परिजनों से इन्हें थाने पर उपस्थित कराने को कहा गया, लेकिन ये नहीं आये। डर है कि कहीं बड़ी आपराधिक घटनाओं से ये पुलिस के लिए सिर दर्द न बन जाएं।
कमिश्नरेट के काशी, वरुणा और गोमती जोन में कुल 1601 हिस्ट्रीशीटर हैं। डीसीपी क्राइम ने सभी की तलाश कर रिपोर्ट मंगाई थी। इसमें से 402 की जानकारी पुलिस नहीं दे सकी। फिलहाल 118 हिस्ट्रीशीटर जेल में हैं, जबकि 1014 बुलाने पर थाने पहुंचे थे। जो नहीं पहुंचे, उनके पते पर जब स्थानीय पुलिस गई तो परिजनों का
तीनों जोन में कुल 1601 हिस्ट्रीशीटर, सभी के बारे में मांगी गई है रिपोर्ट

थानावार सभी हिस्ट्रीशीटरों का दोबारा भौतिक सत्यापन करने का निर्देश जारी
निष्क्रिय हिस्ट्रीशीटरों की फाइलें अरसे बाद जलाई
मृत और निष्क्रिय हो चुके हिस्ट्रीशीटरों की फाइलें भी जलाई गई हैं। वृद्ध हो चुके अथवा मर चुके हिस्ट्रीशीटरों की जानकारी मंगाई गई। इसमें 61 की फाइलें जला दी गईं।
थाने में सूची चस्पा करने के साथ ही हर माह सत्यापन
डीसीपी ने निर्देश दिया है कि सभी हिस्ट्रीशीटरों का नाम थाने में चस्पा कर रखें। साथ ही हर माह उन्हें थाने बुलवाकर सत्यापन करें। उनके पते पर जाकर भौतिक सत्यापन भी करें। पता करें कि उनकी आय का स्रोत क्या है। है। किसी आपराधिक मामले में संलिप्तता तो नहीं है।
इस साल 47 नए हिस्ट्रीशीटर जोड़े गए

पिछले साल तक हिस्ट्रीशीटरों की संख्या 1554 थी। आपराधिक घटनाओं में संलिप्तता के आधार पर 47 नए हिस्ट्रीशीटर जोड़े गये, अब संख्या 1601 है। इसमें वरुणा जोन की संख्या अधिक है।
कहना था कि उन्हें उनके बारे में जानकारी नहीं है। उनके परिजनों की पुलिस ने रिपोर्ट तैयार की है। वहीं उनके पूर्व के संभावित ठिकानों की जानकारी भी रखने के लिए कहा गया है। ताकि उनका पता चल सके। परिजनों को
सख्त निर्देश दिया गया है कि उनके बारे में पता चलते ही पुलिस को सूचित करें। डीसीपी क्राइम सरवणन टी. ने बताया कि लापता या फरार चल रहे हिस्ट्रीशीटरों की थानावार रिपोर्ट मांगी गई है।

